naat lyrics in urdu translation for Dummies
naat lyrics in urdu translation for Dummies
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naat lyrics in english
रह़मतों की घर हमारे क्यों न फिर बरसात हो।
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क़िस्मत के अँधेरों में दिन-रात भटकता है
अल्लाह अल्लाह ! हुज़ूर की बातें, मरहबा ! रंग-ओ-नूर की बातें
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●दिलों की पीर मिटाने को ईद आई है। ईद शायरी इन हिंदी
लमयाति नज़ीरुका फ़ी नज़रिन मिस्ल-ए-तो न शुद पैदा जाना
लब हमारे दुरूद पढ़ते हैं, दिल हमारे सलाम कहते हैं
ऐ ख़ुदा के हबीब ! प्यारे रसूल ! ये हमारा सलाम कीजे क़ुबूल
●रोज़े रखिए तो सही रमज़ान में रमजान मुबारक शायरी हिंदी में लिखी
सरकार-ए-ग़ौस-ए-आ'ज़म ! नज़र-ए-करम, ख़ुदा-रा मेरा ख़ाली कासा भर दो, मैं फ़क़ीर हूँ तुम्हारा सब का कोई न कोई दुनिया में आसरा है मेरा ब-जुज़ तुम्हारे कोई नहीं सहारा मौला 'अली का सदक़ा, गंज-ए-शकर का सदक़ा मेरी लाज रख लो, या ग़ौस ! मैं मुरीद हूँ तुम्हारा झोली को मेरी भर दो, वर्ना कहेगी दुनिया ऐसे सख़ी का मँगता फिरता है मारा मारा मीराँ बने हैं दूल्हा, महफ़िल सजी हुई है सब औलिया बराती, क्या ख़ूब है नज़ारा ये 'अता-ए-दस्त-गीरी कोई मेरे दिल से पूछे वहीं आ गए मदद को, मैं ने जब जहाँ पुकारा ये अदा-ए-दस्त-गीरी कोई मेरे दिल से पूछे वहीं आ गए मदद को, मैं ने जब जहाँ पुकारा ये तेरा करम है मुर्शिद !
फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं अपना जल्वा इसी में दिखा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो रुख़ से पर्दा अब अपने हटा दो अपना जल्वा इसी में दिखा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं एक मुजरिम सियाह-कार हूँ मैं हर ख़ता का सज़ा-वार हूँ मैं मेरे चारों तरफ़ है अँधेरा रौशनी का तलबग़ार हूँ मैं इक दिया ही समझ कर जला दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं वज्द में आएगा सारा 'आलम हम पुकारेंगे, या ग़ौस-ए-आ'ज़म वो निकल आएँगे जालियों से और क़दमों में गिर जाएँगे हम फिर कहेंगे कि बिगड़ी बना दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा !
चमन में कलियों के रुख़ पे हुस्न-ओ-जमाल आया, कमाल आया !
دس لاکھ میں کونسی استعمال شدہ گاڑی آپکا انتخاب ہونی چاہیے